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Tata Motors Demerger: टाटा मोटर्स के विभाजन से बदल जाएगी कंपनी की नई पहचान

By: Anjon Sarkar

On: Monday, October 13, 2025 9:11 AM

 Tata Motors Demerger
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हर बड़ा बदलाव अपने साथ नई उम्मीदें लेकर आता है। देश की सबसे भरोसेमंद ऑटोमोबाइल कंपनियों में से एक Tata Motors अब एक ऐतिहासिक मोड़ पर खड़ी है। कंपनी का बहुप्रतीक्षित Tata Motors Demerger आखिरकार अमल में आ गया है, जिससे इसके बिजनेस स्ट्रक्चर में बड़ा परिवर्तन होने जा रहा है। यह कदम कंपनी के निवेशकों और शेयरहोल्डर्स के लिए एक नए युग की शुरुआत मानी जा रही है।


Tata Motors Demerger: एक ऐतिहासिक दिन

13 अक्टूबर 2025 को टाटा मोटर्स के शेयरधारकों के लिए बेहद खास दिन रहा। यह वह आखिरी दिन था जब कंपनी एक संयुक्त इकाई के रूप में शेयर मार्केट में ट्रेड हुई। अब 14 अक्टूबर से कंपनी दो स्वतंत्र इकाइयों में बंट जाएगी —
पहली होगी Tata Motors Passenger Vehicles Limited, जो यात्री वाहन (Passenger Vehicle) और इलेक्ट्रिक व्हीकल (EV) व्यवसाय संभालेगी, साथ ही Jaguar Land Rover (JLR) में अपनी हिस्सेदारी भी रखेगी।
दूसरी होगी TML Commercial Vehicles (TMLCV), जो व्यावसायिक वाहन (Commercial Vehicle) व्यवसाय का संचालन करेगी।


शेयरहोल्डर्स को क्या मिलेगा फायदा

Demerger के बाद Tata Motors के सभी शेयरहोल्डर्स को दोनों नई कंपनियों में समान अनुपात में (1:1) शेयर दिए जाएंगे। यानी जिनके पास Tata Motors का एक शेयर है, उन्हें दोनों नई कंपनियों में एक-एक शेयर मिलेगा। दोनों कंपनियों के शेयर की फेस वैल्यू ₹2 तय की गई है।

कंपनी ने बताया कि डिमर्जर के बाद दोनों कंपनियों के शेयर BSE और NSE पर लिस्ट किए जाएंगे। हालांकि लिस्टिंग की प्रक्रिया को पूरा होने में करीब 45 से 60 दिन लग सकते हैं।


क्यों किया गया Tata Motors Demerger

Tata Motors ने यह कदम अपने व्यवसाय को और स्पष्ट रूप से विभाजित करने के लिए उठाया है, ताकि दोनों सेगमेंट अपने-अपने फोकस क्षेत्रों में तेजी से विकास कर सकें।
जहां Tata Motors Passenger Vehicles अब इलेक्ट्रिक मोबिलिटी और लक्ज़री वाहनों पर ध्यान केंद्रित करेगी, वहीं TMLCV का लक्ष्य होगा वाणिज्यिक वाहनों की मार्केट में अपनी पकड़ और मजबूत करना।


Q2 रिजल्ट्स और एनालिस्ट की राय

कई ब्रोकरेज हाउसेज ने इस डिमर्जर पर अपनी राय दी है।
HDFC Securities ने Tata Motors पर ‘reduce’ रेटिंग दी है और ₹706 का टारगेट प्राइस तय किया है। उनका अनुमान है कि सितंबर 2025 तिमाही में कंपनी की आय और मार्जिन दोनों में गिरावट देखने को मिल सकती है।
Investec का मानना है कि JLR की रेवेन्यू में लगभग 18% की गिरावट आ सकती है, क्योंकि पिछले महीने प्रोडक्शन साइबरअटैक के चलते ठप रहा था। हालांकि, Passenger Vehicle और Commercial Vehicle सेगमेंट में सुधार की संभावना जताई जा रही है।


आगे की राह: उम्मीदें और चुनौतियाँ

टाटा मोटर्स का घरेलू पैसेंजर व्हीकल सेगमेंट लगातार मजबूत हो रहा है। कंपनी के मुताबिक बुकिंग्स में पिछले साल के मुकाबले 25-30% की वृद्धि हुई है। वहीं, कमर्शियल व्हीकल सेगमेंट में भी दूसरी छमाही में डबल-डिजिट ग्रोथ की उम्मीद है।

हालांकि, JLR के लिए निकट भविष्य में कुछ चुनौतियाँ बनी रह सकती हैं, क्योंकि यूरोप और चीन जैसे बाजार अभी भी रिकवरी फेज़ में हैं।


टाटा मोटर्स डिमर्जर: भविष्य की दिशा

यह डिमर्जर केवल एक कॉर्पोरेट पुनर्गठन नहीं है, बल्कि Tata Motors की नई यात्रा की शुरुआत है।
दो स्वतंत्र इकाइयों के रूप में, कंपनी अब ज्यादा फोकस्ड, ज्यादा प्रतिस्पर्धी और ज्यादा नवाचार-उन्मुख बनने की दिशा में कदम बढ़ा रही है।
इस कदम से न केवल निवेशकों को पारदर्शिता मिलेगी बल्कि कंपनी को अपनी अलग-अलग रणनीतियों पर फोकस करने का मौका भी मिलेगा।


निष्कर्ष

Tata Motors Demerger भारत के ऑटोमोबाइल उद्योग में एक ऐतिहासिक कदम है। यह सिर्फ एक पुनर्गठन नहीं बल्कि एक ऐसे भविष्य की शुरुआत है जहां कंपनी अपनी ताकत को दो अलग-अलग रास्तों से आगे बढ़ाएगी।
जहां एक ओर यात्री वाहन सेगमेंट भारत के ईवी क्रांति में अहम भूमिका निभाएगा, वहीं कमर्शियल सेगमेंट देश की अर्थव्यवस्था को नई रफ्तार देगा।


अस्वीकरण (Disclaimer):

यह लेख केवल सूचना के उद्देश्य से लिखा गया है। इसमें दी गई जानकारी को निवेश सलाह के रूप में न लें। निवेश से पहले अपने वित्तीय सलाहकार से परामर्श अवश्य करें।

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