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Jaro Institute IPO 2025: निवेश से जुड़ी अहम जानकारी

By: Anjon Sarkar

On: Tuesday, September 23, 2025 4:20 PM

Jaro Institute IPO 2025
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Jaro Institute IPO 2025 निवेशकों के लिए सुनहरा अवसर या सिर्फ़ एक एग्ज़िट प्लान?

शेयर बाज़ार में हर नए आईपीओ के साथ निवेशकों के मन में उत्सुकता और उम्मीदें जागती हैं। आने वाले दिनों में जिस आईपीओ की सबसे ज़्यादा चर्चा हो रही है, वह है Jaro Institute of Technology Management & Research का। यह आईपीओ 23 सितंबर 2025 से सब्सक्रिप्शन के लिए खुलेगा और 25 सितंबर 2025 को बंद होगा। इस ऑफर के ज़रिए कंपनी लगभग ₹450 करोड़ जुटाने की योजना बना रही है, और इसकी लिस्टिंग बीएसई और एनएसई पर होगी।

कीमत और निवेश की शर्तें

इस आईपीओ के लिए प्राइस बैंड ₹846 से ₹890 प्रति शेयर तय किया गया है। एक लॉट में 16 शेयर होंगे, यानी न्यूनतम निवेशक को ₹14,240 लगाने होंगे। निवेश के लिहाज़ से यह राशि मध्यम वर्गीय निवेशकों के लिए भी काफ़ी आकर्षक है।

आईपीओ का ढांचा और मक़सद

इस इश्यू में एक हिस्सा फ्रेश इश्यू है और एक हिस्सा ऑफर फॉर सेल (OFS)। फ्रेश इश्यू से करीब ₹170 करोड़ जुटाए जाएंगे जबकि ऑफर फॉर सेल से लगभग ₹280 करोड़ की हिस्सेदारी बेची जाएगी। कंपनी के चेयरमैन और मैनेजिंग डायरेक्टर संजय नमदेव सालुंखे अपनी हिस्सेदारी का बड़ा हिस्सा बेच रहे हैं। यह साफ़ करता है कि इस इश्यू का मुख्य मक़सद कंपनी में पहले से मौजूद प्रमोटरों और शेयरधारकों को एग्ज़िट रूट देना है।

अहम तारीखें

निवेशकों के लिए डेट्स बेहद ज़रूरी होती हैं। 26 सितंबर 2025 को अलॉटमेंट फ़ाइनल होगा, 29 सितंबर को शेयर डिमैट अकाउंट में क्रेडिट किए जाएंगे और रिफंड शुरू होंगे। वहीं, 30 सितंबर 2025 को इसकी लिस्टिंग स्टॉक एक्सचेंज पर होने की उम्मीद है।

कंपनी के बारे में

जैरो एजुकेशन की शुरुआत 2009 में हुई थी। आज यह संस्थान तकनीक-आधारित डिग्री और सर्टिफिकेशन प्रोग्राम्स प्रदान करता है। यह न सिर्फ़ छात्रों बल्कि कॉरपोरेट सेक्टर के प्रोफ़ेशनल्स के लिए भी उच्च स्तरीय कोर्स उपलब्ध कराता है। कंपनी की साझेदारी 34 राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय संस्थानों के साथ है, जिनमें आईआईटी, आईआईएम और स्विस स्कूल ऑफ़ मैनेजमेंट जैसे बड़े नाम शामिल हैं। भारत में इसके 22 से अधिक ऑफ़िस और लर्निंग सेंटर्स हैं और यह लगातार अपने विस्तार पर काम कर रही है।

वित्तीय प्रदर्शन

वित्त वर्ष 2023-24 में कंपनी का राजस्व ₹199 करोड़ रहा, जो पिछले वर्ष की तुलना में 63% की बढ़त दर्शाता है। यह तेजी कंपनी के बढ़ते बाज़ार और ब्रांड की लोकप्रियता को दर्शाती है।

निवेशकों की नज़र

आईपीओ में लगभग 50% हिस्सा क्वालिफ़ाइड इंस्टीट्यूशनल बायर्स (QIBs) के लिए आरक्षित है, 35% रिटेल निवेशकों के लिए और बाकी हिस्सा नॉन-इंस्टीट्यूशनल इन्वेस्टर्स को मिलेगा। ग्रे मार्केट में इसके शेयर ₹108 प्रीमियम पर ट्रेड कर रहे हैं, जो यह संकेत देता है कि लिस्टिंग प्राइस लगभग ₹998 प्रति शेयर तक जा सकता है। यानी लिस्टिंग पर करीब 12% का लाभ मिल सकता है।

निष्कर्ष

जैरो इंस्टीट्यूट का आईपीओ निवेशकों के लिए एक रोचक अवसर हो सकता है। कंपनी का प्रदर्शन मज़बूत रहा है और शिक्षा क्षेत्र में इसकी पकड़ अच्छी है। हालांकि, चूंकि इस इश्यू का बड़ा हिस्सा ऑफर फॉर सेल है, इसलिए इसमें निवेश करने से पहले यह समझना ज़रूरी है कि जुटाई गई राशि सीधे कंपनी की ग्रोथ में इस्तेमाल नहीं होगी। छोटे और नए निवेशकों को इसमें निवेश करने से पहले वित्तीय सलाहकार से परामर्श लेना चाहिए।


डिस्क्लेमर: इस लेख में दी गई जानकारी सार्वजनिक रूप से उपलब्ध विवरण और ड्राफ्ट रेड हेरिंग प्रॉस्पेक्टस पर आधारित है। यह केवल शैक्षणिक और सूचना देने के उद्देश्य से लिखा गया है। किसी भी तरह का निवेश निर्णय लेने से पहले वित्तीय विशेषज्ञ की सलाह अवश्य लें।

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