
भारत की ऑटोमोबाइल इंडस्ट्री में नई रफ़्तार लाने की तैयारी
भारत आज दुनिया की सबसे तेज़ी से बढ़ती हुई ऑटोमोबाइल इंडस्ट्री में से एक बन चुका है। देश की बढ़ती तकनीकी क्षमता, निवेश के अनुकूल माहौल और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की ‘मेक इन इंडिया’ सोच ने कई वैश्विक कंपनियों को आकर्षित किया है। इन्हीं में से एक है फ्रांस की जानी-मानी ऑटो कंपोनेंट कंपनी OP Mobility SE, जिसने भारत में बड़ा निवेश करने की घोषणा की है।
कंपनी अगले पांच वर्षों में 200 से 300 मिलियन डॉलर (₹1,774 से ₹2,661 करोड़) का निवेश करेगी। यह निवेश न केवल मैन्युफैक्चरिंग यूनिट्स को बढ़ाने में मदद करेगा, बल्कि भारत में कंपनी की इंजीनियरिंग और तकनीकी क्षमता को भी नई ऊँचाइयों तक ले जाएगा।
प्रधानमंत्री मोदी से मुलाकात बनी प्रेरणा का स्रोत
OP Mobility SE के चेयरमैन लॉरेंट बुरेल (Laurent Burelle) ने बताया कि यह निवेश निर्णय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से हुई एक “प्रेरणादायक” मुलाकात के बाद लिया गया। उन्होंने कहा,
“मैं प्रधानमंत्री के स्पष्ट दृष्टिकोण और ऑटोमोटिव सेक्टर की गहरी समझ से प्रभावित हुआ। उन्होंने भारत की महत्वाकांक्षा को साझा किया — कि कैसे भारत वैश्विक स्तर पर मैन्युफैक्चरिंग, टेक्नोलॉजी और मोबिलिटी का लीडर बन सकता है।”
बुरेल ने मोदी को “विश्व स्तर के राजनेता” बताया और कहा कि भारत की विकास यात्रा अभी बस शुरू हुई है। इस मुलाकात ने कंपनी के निवेश को गति देने का आत्मविश्वास दिया है।
OP Mobility के विस्तार की बड़ी योजना
पहले Plastic Omnium के नाम से जानी जाने वाली यह 14 बिलियन डॉलर की फ्रांसीसी कंपनी कार एक्सटीरियर, लाइटिंग मॉड्यूल्स, फ्यूल सिस्टम्स और कई अन्य मोबिलिटी कंपोनेंट्स बनाती है।
कंपनी के सीईओ लॉरेंट फाव्रे (Laurent Favre) के अनुसार, आने वाले पांच वर्षों में OP Mobility भारत में अपने कारखानों की संख्या दोगुनी कर 10 करेगी और एक नया टेक्नोलॉजी सेंटर स्थापित करेगी। यह सेंटर पुणे में स्थित होगा और एशिया का सबसे बड़ा तकनीकी केंद्र बनेगा।
नई फैक्ट्रियां चेन्नई, मानेसर, औरंगाबाद, हंसरपुर और खरखोदा जैसे प्रमुख ऑटो हब्स में लगाई जाएंगी। इससे भारत कंपनी के लिए सिर्फ एक बाज़ार नहीं बल्कि वैश्विक इनोवेशन और प्रोडक्शन बेस बन जाएगा।

हाइड्रोजन और बैटरी टेक्नोलॉजी में भारत की भूमिका
कंपनी भारत में अपने नए निवेश का एक बड़ा हिस्सा बैटरी सिस्टम्स और हाइड्रोजन एनर्जी स्टोरेज जैसी उभरती तकनीकों में लगाएगी। लॉरेंट फाव्रे ने कहा,
“हमें विश्वास है कि भारत स्वच्छ मोबिलिटी की दिशा में परिवर्तन का नेतृत्व करेगा। हम अपने हाइड्रोजन और बैटरी स्टोरेज समाधान भारत में लाने की तैयारी में हैं।”
यह कदम न केवल हरित ऊर्जा को बढ़ावा देगा बल्कि भारत को क्लीन एनर्जी टेक्नोलॉजी में एक वैश्विक केंद्र बनाने की दिशा में भी मदद करेगा।
भारतीय बाज़ार में मजबूत उपस्थिति
वर्तमान में OP Mobility की भारत में वार्षिक आय 250 मिलियन डॉलर है, लेकिन आने वाले वर्षों में इसे दोगुना से अधिक करने का लक्ष्य है। कंपनी के भारतीय चेयरपर्सन जी.के. शर्मा ने बताया कि अब कंपनी “प्रति वाहन अधिक कंपोनेंट जोड़ने” की दिशा में काम कर रही है।
उन्होंने कहा,
“भारत में ऑटो कंपनियाँ स्थानीय उत्पादन को बढ़ा रही हैं और ऐसे पार्टनर्स की तलाश में हैं जो हल्के, उन्नत और टिकाऊ समाधान प्रदान कर सकें। यही हमारे लिए सबसे बड़ा अवसर है।”
वर्तमान में कंपनी के भारतीय ग्राहकों में मारुति सुज़ुकी, ह्युंडई, किया, महिंद्रा एंड महिंद्रा, रेनॉ-निसान, स्कोडा-वोक्सवैगन और जगुआर लैंड रोवर जैसे प्रमुख वाहन निर्माता शामिल हैं।
भारत – एक पारदर्शी और आकर्षक निवेश गंतव्य
लॉरेंट बुरेल का कहना है कि भारत अब व्यापार के लिए एक पारदर्शी, भरोसेमंद और अवसरों से भरा देश बन गया है।
उन्होंने कहा,
“जब हमने 2007 में भारत में प्रवेश किया था, तब यह आसान नहीं था। लेकिन पिछले पाँच वर्षों में बाज़ार तेज़ी से बढ़ा है, हमारा व्यवसाय लाभदायक हुआ है, और हमने गुणवत्ता व प्रतिस्पर्धा के लिए एक मजबूत पहचान बनाई है। अब हम तेजी से आगे बढ़ने के लिए तैयार हैं।”
निष्कर्ष – भारत की ओर बढ़ता विश्वास और भविष्य की ऊर्जा
OP Mobility का यह निवेश भारत के लिए सिर्फ एक कारोबारी सौदा नहीं, बल्कि एक भरोसे का प्रतीक है। यह दिखाता है कि दुनिया भारत को अब सिर्फ एक बाज़ार नहीं बल्कि तकनीक, इंजीनियरिंग और नवाचार का केंद्र मानने लगी है।
जैसे-जैसे भारत स्वच्छ ऊर्जा, बैटरी तकनीक और हाइड्रोजन मोबिलिटी की ओर बढ़ रहा है, ऐसे निवेश देश के भविष्य को और मज़बूत बना रहे हैं। यह न केवल भारत की औद्योगिक क्षमता का प्रमाण है बल्कि ‘मेक इन इंडिया’ की भावना को भी नई उड़ान दे रहा है।
अस्वीकरण (Disclaimer):
यह लेख केवल सूचना के उद्देश्य से लिखा गया है। इसमें दी गई जानकारी सार्वजनिक स्रोतों और मीडिया रिपोर्ट्स पर आधारित है। इसका उद्देश्य किसी भी कंपनी या सरकारी संस्था का प्रचार नहीं है, बल्कि पाठकों को भारत में हो रहे औद्योगिक विकास की सटीक जानकारी देना है।




