
नवरात्रि में ऑटो बिक्री का धमाका: GST कटौती और त्योहारों के ऑफर्स ने बढ़ाया उत्साह
नवरात्रि का त्योहार सिर्फ शुभकामनाओं और मिठाइयों का ही नहीं, बल्कि ऑटो उद्योग के लिए भी खुशियों की सौगात लेकर आया है। इस साल के नवरात्रि सीजन में ऑटोमोबाइल रिटेल बिक्री ने नए रिकॉर्ड बनाए हैं। लोग गाड़ियों और बाइक्स की शॉपिंग के लिए पहले से ज्यादा उत्साहित नजर आए, और इसके पीछे मुख्य वजह है सरकार की GST कटौती, आयकर संशोधन और बैंकिंग सेक्टर में आसान फाइनेंसिंग।
फेडरेशन ऑफ ऑटोमोबाइल डीलर्स एसोसिएशन (FADA) के आंकड़ों के मुताबिक, इस नवरात्रि में 22 सितंबर से 2 अक्टूबर तक वाहन रजिस्ट्रेशन में 34% की वृद्धि दर्ज की गई। कुल 11.6 लाख वाहनों का रजिस्ट्रेशन हुआ, जिसमें पैसेंजर कारों, टू-व्हीलर्स, कमर्शियल व्हीकल्स और ट्रैक्टर्स सभी में जबरदस्त बढ़त देखी गई।
GST कटौती और त्योहारों का जादू
इस साल सरकार ने छोटे और मिड-साइज वाहनों पर GST दर में भारी कटौती की। 4 मीटर से छोटे पैसेंजर वाहन और 350cc से छोटे टू-व्हीलर्स की GST दर 28% से घटाकर 18% कर दी गई। बड़ी कारों पर भी टैक्स में कमी आई, जिससे ग्राहक अब अपने पसंदीदा वाहनों को अधिक आसानी से खरीद पा रहे हैं।
सिर्फ टैक्स कटौती ही नहीं, बल्कि त्योहारों के आकर्षक ऑफर्स और बैंकिंग सेक्टर की आसान फाइनेंसिंग ने भी ग्राहकों को मोटिवेट किया। HDFC बैंक जैसे क्रेडिट कार्ड्स के जरिए अतिरिक्त छूट और पुराने वाहन के एक्सचेंज ऑफर्स ने भी बिक्री को बढ़ावा दिया।
सभी सेगमेंट्स में जबरदस्त उछाल
इस दौरान पैसेंजर कारों की बिक्री में 35%, टू-व्हीलर्स में 36%, कमर्शियल वाहनों में 15% और ट्रैक्टर्स में 19% की बढ़त हुई। विशेषज्ञों का कहना है कि नवरात्रि और आने वाले धनतेरस-दीवाली सीजन में यह उत्साह और भी बढ़ेगा।
साल के बाकी महीनों की तुलना में सितंबर में ऑटोमोबाइल बिक्री में मामूली बढ़त देखी गई थी, लेकिन नवरात्रि के 9 दिनों में हुई उछाल ने पूरे महीने की बिक्री को नई ऊँचाई पर पहुंचा दिया। इस साल का मॉनसून और मजबूत खरीफ फसल भी ग्रामीण और शहरी दोनों ही क्षेत्रों में खरीद क्षमता बढ़ाने में मददगार रहे।

ग्राहक अनुभव और डीलर की तैयारी
ग्राहक अब पहले की तुलना में अधिक प्रीमियम मॉडल चुन रहे हैं। कुछ पुराने ग्राहक अपने पुराने वाहनों को अपग्रेड कर रहे हैं, जबकि नए खरीदार पहली बार वाहन खरीदने की तरफ बढ़ रहे हैं। डीलर्स ने अक्टूबर के त्योहारों को ध्यान में रखते हुए लगभग 60 दिनों का स्टॉक तैयार कर रखा है, ताकि ग्राहकों की मांग पूरी की जा सके।
विशेषज्ञों का कहना है कि अगर लॉजिस्टिक और ट्रांसपोर्ट सिस्टम सुचारू रूप से काम करता है, तो यह भारत के ऑटोमोबाइल उद्योग के लिए अब तक का सबसे बड़ा फेस्टिवल सीजन साबित हो सकता है।
उम्मीदें और आगे की राह
इस उत्साहभरे माहौल में दीवाली और धनतेरस की बिक्री और भी उत्साहित करने वाली साबित होगी। ऑटोमोबाइल उद्योग में यह नया रिकॉर्ड केवल सरकार की नीतियों और त्योहारों के आकर्षक ऑफर्स की वजह से नहीं, बल्कि ग्राहक की बदलती प्राथमिकताओं और खरीद क्षमता में सुधार की वजह से भी है।
इस साल नवरात्रि ने साबित कर दिया कि जब उचित नीतियां, त्योहारों का उत्साह और वित्तीय सहयोग एक साथ मिलते हैं, तो परिणाम न केवल ग्राहकों के लिए बल्कि पूरे उद्योग के लिए आनंदमय और सकारात्मक होते हैं।
Disclaimer: यह लेख केवल जानकारी और शैक्षिक उद्देश्यों के लिए है। निवेश और खरीद के फैसले अपने विवेक और सही जानकारी के आधार पर लें।