
अगले 6 महीनों में इलेक्ट्रिक वाहन होंगे पेट्रोल वाहनों के बराबर, बोले नितिन गडकरी
6 महीने में EV की कीमतें होंगी पेट्रोल क्षमताओं में दुनिया के बड़े देशों के बराबर खड़े हों। इस सपने को सच करने की दिशा में अब इलेक्ट्रिक वाहनों (EVs) ने एक नई उम्मीद जगाई है। सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने हाल ही में घोषणा की कि अगले चार से छह महीनों में भारत में इलेक्ट्रिक वाहनों की कीमतें पेट्रोल वाहनों के बराबर हो जाएंगी। यह बदलाव न सिर्फ पर्यावरण के लिए लाभकारी होगा, बल्कि आम उपभोक्ताओं के लिए भी EVs को सुलभ बना देगा।
गडकरी ने 20वें FICCI हायर एजुकेशन समिट 2025 में बताया कि यह कदम भारत की जीवाश्म ईंधन पर निर्भरता को कम करने में मदद करेगा। उन्होंने कहा, “अगले 4–6 महीनों के भीतर इलेक्ट्रिक वाहनों की लागत पेट्रोल वाहनों के बराबर हो जाएगी। इससे भारत में ईंधन आयात पर होने वाले खर्च, जो सालाना लगभग 22 लाख करोड़ रुपए है, में भी कमी आएगी।’’
भारत का ऑटोमोबाइल उद्योग: तेजी से बढ़ती शक्ति
गडकरी ने यह भी बताया कि उनके कार्यकाल के दौरान भारतीय ऑटोमोबाइल उद्योग ने असाधारण प्रगति की है। “जब मैंने मंत्री का पद संभाला, तब इंडियन ऑटोमोबाइल इंडस्ट्री का आकार 14 लाख करोड़ रुपए था। आज यह बढ़कर 22 लाख करोड़ रुपए हो गया है।’’ मंत्री ने यह भी विश्वास जताया कि अगले पांच वर्षों में भारत ऑटोमोबाइल उद्योग में दुनिया का प्रमुख देश बन सकता है।
उन्होंने अमेरिका और चीन के आंकड़ों का उदाहरण देते हुए कहा कि अमेरिकी ऑटो उद्योग लगभग 78 लाख करोड़ रुपए और चीन का 47 लाख करोड़ रुपए का है। लेकिन भारत की तेजी और नवाचार की क्षमता इसे दुनिया के शीर्ष ऑटो हब में बदलने की दिशा में अग्रसर कर रही है।
ईंधन से लेकर कचरे तक: सतत विकास की पहल
गडकरी ने भारत की इथेनॉल योजना की भी सफलता पर प्रकाश डाला। उन्होंने बताया कि किसानों ने मक्का से इथेनॉल उत्पादन करके अतिरिक्त 45,000 करोड़ रुपए कमाए हैं। इसके अलावा, उन्होंने पूरे देश में ठोस अपशिष्ट को सड़क निर्माण में उपयोग करने की योजना की भी घोषणा की। मंत्री ने कहा, “हमने एक प्रोग्राम शुरू किया है, जिसके तहत 2027 तक पूरे देश में अलग किए गए ठोस अपशिष्ट को सड़क निर्माण में उपयोग करने की योजना है। इससे कचरे में भी मूल्य पैदा होगा और अर्थव्यवस्था के लिए लाभ होगा।”

शिक्षा और कौशल विकास: भारत की सबसे बड़ी ताकत
गडकरी ने उच्च शिक्षा में नवाचार और कौशल विकास की अहमियत पर जोर दिया। उनका कहना है कि भारत की सबसे बड़ी ताकत युवा और कुशल जनसंख्या है। “अगर हम उन्हें सही शिक्षा और सही कौशल प्रदान करने में सफल होते हैं, तो भारत दुनिया में अपनी ताकत दिखा सकता है।’’ उन्होंने शिक्षा संस्थानों से आग्रह किया कि वे उभरती हुई तकनीकों को पाठ्यक्रम में शामिल करें और छात्रों को व्यावहारिक अनुभव दें।
इससे छात्र न केवल नौकरी के लिए तैयार होंगे, बल्कि वे भारत की आर्थिक और तकनीकी प्रगति में भी योगदान दे सकेंगे।
भारत में EV सेक्टर की तेज़ी
भारत में इलेक्ट्रिक वाहनों का बाजार तेजी से बढ़ रहा है। H1 2025 में EV पंजीकरण 10 लाख यूनिट्स पार कर गया, जो पिछले साल के 8.95 लाख यूनिट्स से बहुत अधिक है। यह आंकड़ा स्पष्ट रूप से दर्शाता है कि भारतीय लोग अब स्वच्छ और टिकाऊ मोबिलिटी की ओर तेजी से बढ़ रहे हैं।
गडकरी के अनुसार, आने वाले महीनों में कीमतों का संतुलन और नई नीतियां, EV को और भी सुलभ बनाएंगी और देश को वैश्विक EV मानचित्र पर अग्रणी बनाएंगी।
Disclaimer: यह लेख भारत सरकार और संबंधित रिपोर्ट पर आधारित है। वाहन कीमतें और बाजार स्थितियां समय के अनुसार बदल सकती हैं।