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Telegram के CEO Pavel Durov की सफलता का राज — 12 घंटे की नींद और फोन से दूरी!

By: Anjon Sarkar

On: Tuesday, October 7, 2025 5:10 AM

Telegram के CEO Pavel Durov की सफलता का राज
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Telegram के CEO Pavel Durov की सफलता का राज और नींद कम लेने से जोड़ा जाता है, वहीं Telegram के CEO पावेल डुरोव (Pavel Durov) ने इस सोच को पूरी तरह बदल दिया है। उनका मानना है कि सफलता की असली कुंजी लगातार काम में नहीं, बल्कि खुद को आराम और मानसिक स्पष्टता देने में है।

पावेल डुरोव, जो Telegram जैसे विश्व-प्रसिद्ध मैसेजिंग ऐप के संस्थापक हैं, ने हाल ही में दिए एक पॉडकास्ट इंटरव्यू में अपनी सफलता का राज खोला। उन्होंने बताया कि वे हर दिन लगभग 12 घंटे की नींद लेते हैं और अपने फोन के इस्तेमाल पर सख्त नियंत्रण रखते हैं। यही अनुशासन उन्हें फोकस्ड, रचनात्मक और मानसिक रूप से स्थिर बनाए रखता है।

सफलता का असली मंत्र: आराम और आत्म-नियंत्रण

जहां ज़्यादातर लोग दिन-रात मेहनत को सफलता का प्रतीक मानते हैं, वहीं डुरोव का मानना है कि आराम और सोचने का समय इंसान की सबसे बड़ी शक्ति है। उन्होंने कहा, “मैं हर रात 11 से 12 घंटे सोने की कोशिश करता हूं। अगर कभी नींद नहीं आती, तब भी मैं बिस्तर पर लेटकर सोचता रहता हूं, और वही पल मेरे लिए सबसे रचनात्मक होते हैं।”

उनके अनुसार, ये शांत पल ही हैं जब सबसे अच्छे विचार आते हैं। वे कहते हैं कि अक्सर रात या सुबह के समय, जब दुनिया शांत होती है, तब दिमाग सबसे अधिक स्पष्ट और रचनात्मक रूप से काम करता है।

फोन से दूरी: फोकस का असली हथियार

पावेल डुरोव का दिन बाकी लोगों की तरह नहीं शुरू होता। वे सुबह उठते ही अपने फोन को नहीं देखते। न ईमेल, न सोशल मीडिया, न नोटिफिकेशन — बस अपने विचारों के साथ कुछ समय बिताते हैं। उनका मानना है कि यह आदत दिन को साफ दिमाग और उद्देश्यपूर्ण शुरुआत देती है।

डुरोव कहते हैं, “मैं यह तय करना चाहता हूं कि मेरे जीवन में क्या महत्वपूर्ण है। मैं नहीं चाहता कि कोई कंपनी, ऐप या नोटिफिकेशन मुझे यह बताए कि आज मुझे किस चीज़ के बारे में सोचना चाहिए।”

उनके लिए फोन एक साधन है, कोई मालिक नहीं। वे तकनीक का इस्तेमाल अपने नियंत्रण में रखते हैं, न कि खुद तकनीक के नियंत्रण में आकर।

सोशल मीडिया से दूरी और स्वतंत्र सोच

पावेल डुरोव सोशल मीडिया स्क्रॉल करने से भी परहेज़ करते हैं। उनका मानना है कि आजकल लोग AI-आधारित एल्गोरिद्म्स के गुलाम बन चुके हैं, जो हमें वही दिखाते हैं जो सब देख रहे हैं — वही खबरें, वही मीम्स, वही ट्रेंड्स। इससे व्यक्ति की स्वतंत्र सोच और रचनात्मकता खत्म होती जा रही है।

उनका यह नजरिया भले ही विरोधाभासी लगे, क्योंकि वे खुद दो बड़े टेक प्लेटफॉर्म — VKontakte और Telegram — के संस्थापक हैं। लेकिन डुरोव साफ करते हैं कि उनका उद्देश्य तकनीक से दूर रहना नहीं, बल्कि उसे अपने नियंत्रण में रखना है। वे कहते हैं, “तकनीक का इस्तेमाल एक औजार की तरह करना चाहिए, न कि उसे अपने जीवन का मालिक बनने देना चाहिए।”

अनुशासन ही है असली ताकत

पावेल डुरोव की जीवनशैली दिखाती है कि अनुशासन और आत्म-संतुलन ही असली सफलता की पहचान है। वे दिन का एक बड़ा हिस्सा सोचने, पढ़ने और खुद से जुड़ने में बिताते हैं। यही आदत उन्हें भीड़ से अलग और अपने काम में अधिक क्रिएटिव बनाती है।

उनकी सफलता इस बात का प्रमाण है कि अधिक काम करना ही सफलता का रास्ता नहीं है। सही दिशा में, सही मानसिक स्थिति के साथ काम करना ही असली सफलता का रहस्य है।

निष्कर्ष

पावेल डुरोव की कहानी हमें सिखाती है कि सफलता सिर्फ मेहनत से नहीं, बल्कि मानसिक संतुलन, नींद और आत्म-अनुशासन से आती है। जब हम खुद को तकनीक और बाहरी शोर से कुछ देर के लिए दूर रखते हैं, तभी हम अपनी असली सोच और रचनात्मकता को पहचान पाते हैं।

इस आधुनिक युग में, जहां हर कोई लगातार ऑनलाइन रहकर ‘हसल’ कर रहा है, डुरोव हमें याद दिलाते हैं कि कभी-कभी सबसे बड़ा कदम आगे बढ़ने का यह होता है — थोड़ा रुकना, सांस लेना और खुद से जुड़ना।

अस्वीकरण: इस लेख में दी गई जानकारी सार्वजनिक स्रोतों और इंटरव्यू पर आधारित है। यह केवल सूचना और प्रेरणा के उद्देश्य से लिखा गया है। पाठकों को सलाह दी जाती है कि वे अपने जीवन में बदलाव अपने अनुभव और स्वास्थ्य सलाह के अनुसार करें।

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