
ब्राज़ील के राष्ट्रपति लूला दा सिल्वा और ट्रम्प की बड़े बदलाव की शुरुआत बन जाती है। ऐसा ही कुछ देखने को मिला जब ब्राज़ील के राष्ट्रपति लूला दा सिल्वा और अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प के बीच सोमवार को 30 मिनट तक चली एक “दोस्ताना बातचीत” ने दोनों देशों के रिश्तों में नई गर्माहट ला दी। महीनों से जारी तनाव और आपसी आरोप-प्रत्यारोपों के बीच यह वार्ता उम्मीद की एक नई किरण लेकर आई है।
लूला दा सिल्वा ने इस बातचीत के दौरान ट्रम्प से आग्रह किया कि वे ब्राज़ील पर लगाए गए भारी व्यापारिक शुल्कों और प्रतिबंधों को हटाएं। ब्राज़ील की राष्ट्रपति कार्यालय की ओर से जारी बयान में कहा गया कि बातचीत सकारात्मक रही और लूला ने अगले महीने मलेशिया में होने वाले एशियाई शिखर सम्मेलन (ASEAN Summit) के दौरान आमने-सामने मुलाकात की संभावना भी जताई।
ट्रम्प ने भी अपने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ‘ट्रुथ सोशल’ पर इस कॉल को “बहुत अच्छी और सकारात्मक बातचीत” बताया। उन्होंने कहा कि दोनों देशों के बीच आगे और चर्चा होगी तथा वे जल्द ही ब्राज़ील और अमेरिका में मुलाकात करेंगे।
व्यापारिक रिश्तों में नई शुरुआत की कोशिश
पिछले कुछ महीनों में वॉशिंगटन और ब्रासीलिया के रिश्ते तनावपूर्ण रहे हैं। ट्रम्प सरकार ने ब्राज़ील के उत्पादों पर 50 प्रतिशत तक का शुल्क लगाया था और कई वरिष्ठ ब्राज़ीली अधिकारियों पर प्रतिबंध भी लगाए थे। ट्रम्प का आरोप था कि ब्राज़ील की सरकार ने उनके करीबी और पूर्व राष्ट्रपति जैर बोल्सोनारो के खिलाफ “राजनीतिक साज़िश” रची है।
हालांकि अब दोनों देशों के बीच बातचीत का माहौल सकारात्मक होता दिख रहा है। ब्राज़ील के उपराष्ट्रपति जेराल्डो अल्कमिन ने कहा कि यह वार्ता “उम्मीद से बेहतर” रही और दोनों नेताओं ने अपने निजी फ़ोन नंबर भी साझा किए। उन्होंने यह भी जोड़ा कि अब दोनों पक्ष “विन-विन” स्थिति की दिशा में आगे बढ़ रहे हैं।

दोस्ताना मुलाकात की तैयारी
संयुक्त राष्ट्र महासभा के दौरान हाल ही में दोनों नेताओं की एक संक्षिप्त मुलाकात ने इस नई बातचीत की नींव रखी थी। उस समय ट्रम्प ने लूला की “बेहतरीन केमिस्ट्री” की तारीफ की थी, हालांकि रिपोर्टों के अनुसार यह मुलाकात आकस्मिक नहीं बल्कि एक “कूटनीतिक रणनीति” का हिस्सा थी।
लूला ने मलेशिया में होने वाली आगामी बैठक में ट्रम्प से आमने-सामने मिलने की इच्छा जताई है। साथ ही उन्होंने ट्रम्प को नवंबर में ब्राज़ील के अमेज़न शहर बेलेम में होने वाले COP-30 जलवायु सम्मेलन में शामिल होने का निमंत्रण भी दिया है।
विरोध से सहयोग तक का सफर
दिलचस्प बात यह है कि कुछ ही सप्ताह पहले संयुक्त राष्ट्र मंच पर दोनों नेताओं ने एक-दूसरे पर तीखे हमले किए थे। लूला ने ब्राज़ील की न्यायपालिका पर हमलों को “अस्वीकार्य” बताया था, जबकि ट्रम्प ने अपने भाषण में ब्राज़ील पर “सेंसरशिप और न्यायिक भ्रष्टाचार” के आरोप लगाए थे। इसके बावजूद अब दोनों के बीच संवाद की यह पहल एक सकारात्मक संकेत देती है।
ब्राज़ील में बोल्सोनारो को हाल ही में 27 साल की सजा सुनाई गई थी, जिसने ट्रम्प प्रशासन को नाराज़ कर दिया था। मगर अब, यह फोन कॉल दिखाता है कि दोनों नेता अपने मतभेदों को किनारे रखकर आर्थिक और कूटनीतिक रिश्तों को फिर से पटरी पर लाने की कोशिश कर रहे हैं।
उद्योग जगत की भूमिका
कूटनीतिक सूत्रों के अनुसार, ब्राज़ील की प्रमुख कंपनियाँ — जैसे कि विमान निर्माता एम्ब्राएर और मांस उत्पादक जेबीएस — अमेरिका पर दबाव डाल रही हैं कि वह व्यापारिक रुख में नरमी लाए। ये कंपनियाँ दोनों देशों के बीच सुचारू व्यापार की दिशा में अहम भूमिका निभा रही हैं।
आगे की राह
हालाँकि दोनों देशों के विचार वैश्विक मुद्दों जैसे जलवायु परिवर्तन, बहुपक्षीय सहयोग और अंतरराष्ट्रीय व्यापार पर अलग-अलग हैं, लेकिन यह फोन कॉल संकेत देता है कि बातचीत और साझेदारी के द्वार फिर से खुल रहे हैं। यदि मलेशिया में होने वाली संभावित मुलाकात सफल रही, तो यह अमेरिका और ब्राज़ील के बीच नए व्यापारिक युग की शुरुआत हो सकती है।
लूला और ट्रम्प दोनों ही अपने-अपने देशों में मज़बूत नेता माने जाते हैं। अगर वे अपने मतभेदों को भुलाकर सहयोग की दिशा में कदम बढ़ाते हैं, तो न सिर्फ दोनों देशों को बल्कि पूरी दुनिया को इसका लाभ मिल सकता है।
अंत में, यह कहना गलत नहीं होगा कि राजनीति में कोई स्थायी दोस्त या दुश्मन नहीं होता — बस हितों की बदलती दिशा रिश्तों को नया रूप देती रहती है।
अस्वीकरण: इस लेख में दी गई जानकारी विश्वसनीय समाचार स्रोतों और आधिकारिक बयानों पर आधारित है। इसका उद्देश्य केवल सूचनात्मक है; यह किसी राजनीतिक पक्ष या व्यक्ति के समर्थन या विरोध में नहीं है।