
हिमाचल में खेलों का सुनहरा भविष्य : बेटियों की चमकती प्रतिभा
हिमाचल प्रदेश के राज्य सरकार खेलों को बढ़ावा युवाओं में खेलों के प्रति जोश और जुनून तेजी से बढ़ रहा है। इसी भावना को और ऊंचाइयों तक ले जाने के लिए राज्य सरकार लगातार प्रयासरत है। शिक्षा मंत्री रोहित ठाकुर ने स्पष्ट कहा कि हिमाचल सरकार युवाओं के सर्वांगीण विकास के लिए खेलों को प्राथमिकता दे रही है, क्योंकि खेल न केवल शरीर को मजबूत बनाते हैं बल्कि जीवन में अनुशासन, आत्मविश्वास और टीम भावना भी जगाते हैं।
हाल ही में शिमला जिले के चौपाल में आयोजित 66वीं राज्य स्तरीय अंडर-19 बालिका खेल प्रतियोगिता इसका बेहतरीन उदाहरण रही। इस प्रतियोगिता का समापन समारोह पीएम श्री गवर्नमेंट एक्सीलेंस सीनियर सेकेंडरी स्कूल, चौपाल में भव्य तरीके से आयोजित किया गया, जिसमें शिक्षा मंत्री रोहित ठाकुर मुख्य अतिथि के रूप में शामिल हुए। पूरे राज्य से आई प्रतिभाशाली बेटियों ने अपनी मेहनत और लगन से मैदान में शानदार प्रदर्शन किया, जिसने हिमाचल की खेल संस्कृति को एक नई पहचान दी।
खेलों से आत्मविश्वास और अनुशासन का निर्माण
समापन समारोह के दौरान शिक्षा मंत्री ने सभी टीमों को संबोधित करते हुए कहा कि खेल व्यक्ति के शारीरिक विकास के साथ-साथ उसके मानसिक और भावनात्मक विकास में भी अहम भूमिका निभाते हैं। उन्होंने कहा कि खेल बच्चों को आत्मविश्वास से भर देते हैं और उनमें टीम भावना, अनुशासन और धैर्य विकसित करते हैं, जो जीवन के हर क्षेत्र में सफलता की कुंजी है।
मंत्री ठाकुर ने बताया कि हिमाचल सरकार लगातार खेलों के बुनियादी ढांचे को सुदृढ़ करने के लिए कार्य कर रही है। नई सुविधाएं, खेल मैदान और प्रशिक्षण केंद्र युवाओं को बेहतर मंच प्रदान कर रहे हैं ताकि वे राज्य और देश का नाम रोशन कर सकें।
उन्होंने यह भी कहा कि शिक्षा के क्षेत्र में सरकार की प्राथमिकता और मेहनत का ही परिणाम है कि राज्य एनएएस रिपोर्ट में 21वें स्थान से उभरकर अब 5वें स्थान पर पहुंच गया है। यह उपलब्धि बताती है कि हिमाचल प्रदेश शिक्षा और खेल दोनों क्षेत्रों में संतुलित विकास की दिशा में तेजी से आगे बढ़ रहा है।

बेटियों की शानदार उपलब्धि, राष्ट्रीय स्तर पर चयनित हुईं 107 खिलाड़ी
इस राज्य स्तरीय प्रतियोगिता में कुल 583 बालिकाओं ने भाग लिया, जो हिमाचल के सभी 12 जिलों और जुब्बल, बिलासपुर तथा धर्मशाला स्थित खेल छात्रावासों से आई थीं। प्रतियोगिता में पांच प्रमुख खेल शामिल किए गए — वॉलीबॉल, कबड्डी, खो-खो, कुराश और थोडा।
इन मुकाबलों में खिलाड़ियों ने अपने प्रदर्शन से दर्शकों का दिल जीत लिया। अंत में 107 बालिकाओं का चयन राष्ट्रीय स्तर की प्रतियोगिताओं के लिए किया गया, जिसमें 56 खिलाड़ी अंडर-19 श्रेणी की और 51 खिलाड़ी अंडर-17 श्रेणी की रहीं। यह हिमाचल की बेटियों के लिए गर्व का क्षण है, जो न केवल अपने परिवार का बल्कि पूरे प्रदेश का मान बढ़ा रही हैं।
राज्य सरकार का संकल्प : खेलों में नई ऊंचाइयां हासिल करना
शिक्षा मंत्री रोहित ठाकुर ने विजेता और उपविजेता टीमों को बधाई दी और उत्कृष्ट प्रदर्शन करने वाली खिलाड़ियों को सम्मानित किया। उन्होंने कहा कि सरकार का लक्ष्य सिर्फ खेलों का आयोजन करना नहीं, बल्कि युवाओं को एक ऐसा माहौल देना है जहां वे अपनी प्रतिभा को पहचान सकें और देश-विदेश में अपना परचम लहरा सकें।
उन्होंने यह भी कहा कि आने वाले समय में राज्य के हर जिले में खेल सुविधाओं को और मजबूत किया जाएगा ताकि गांव-गांव के बच्चे भी अपने सपनों को साकार कर सकें। यह पहल हिमाचल को खेलों के क्षेत्र में एक मजबूत पहचान दिलाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम साबित होगी।
निष्कर्ष : खेलों से निखरता है हिमाचल का भविष्य
हिमाचल प्रदेश की सरकार और जनता दोनों का मानना है कि खेल सिर्फ प्रतिस्पर्धा नहीं बल्कि जीवन जीने की कला हैं। बेटियों का बढ़ता उत्साह और सरकार की समर्पित नीतियां यह साबित करती हैं कि आने वाले वर्षों में हिमाचल प्रदेश खेलों में नई ऊंचाइयां छूएगा।
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