
मलेशिया में लग्ज़री कार मालिकों का भंडाफोड़, जिसमें उच्च मूल्य वाली कारों के असली मालिक और उनके रहस्य उजागर हुए।: करोड़ों का रोड टैक्स नहीं चुकाने का खुलासा
मलेशिया में हाल ही में एक ऐसा खुलासा हुआ जिसने आम जनता के गुस्से को भड़का दिया। देश में हज़ारों लोग अपनी रोज़मर्रा की गाड़ियों का रोड टैक्स समय पर भरते हैं, क्योंकि यह कानूनन ज़रूरी है। लेकिन जब बात आलीशान और करोड़ों की कीमत वाली कारों की आती है, तो तस्वीर कुछ और ही निकल कर सामने आई।
जब सामने आया चौंकाने वाला सच
परिवहन मंत्री एंथनी लोके ने बुधवार को यह जानकारी दी कि देश में 6,300 से अधिक लग्ज़री गाड़ियों के मालिक—जिनमें रोल्स-रॉयस, लैम्बॉर्गिनी, बेंटले, फेरारी और पोर्श जैसी कारें शामिल हैं—ने लंबे समय से रोड टैक्स नहीं चुकाया है। इन वाहनों पर बकाया रकम लगभग 35.7 मिलियन रिंगिट (करीब 8.5 मिलियन अमेरिकी डॉलर) है।
यह सुनकर आम लोग भड़क उठे, क्योंकि यही जनता हर साल सख्ती से रोड टैक्स भरती है, जबकि अमीर और रसूखदार लोग आराम से नियम तोड़ते रहे।
क्यों बढ़ा गुस्सा?
सोशल मीडिया पर लोग सवाल पूछ रहे हैं कि इतने सालों तक यह कैसे चलता रहा और रोड ट्रांसपोर्ट डिपार्टमेंट ने कार्रवाई क्यों नहीं की। कई यूज़र्स ने कहा कि पुलिस और विभाग अक्सर आम कार चालकों को रोकते हैं, जबकि बड़ी-बड़ी गाड़ियों को हाथ भी नहीं लगाते। लोगों का आरोप है कि इन गाड़ियों के मालिक अक्सर वीआईपी, नेता या बड़े बिज़नेसमैन होते हैं और पुलिस उनके सामने असहाय महसूस करती है।
कुछ लोगों ने तो यह तक लिखा कि जब कभी लग्ज़री कार वाले पकड़े जाते हैं, तो वे तुरंत कहते हैं – “Do you know who I am?” (क्या तुम जानते हो मैं कौन हूं?)। यह रवैया लोगों में और नाराज़गी पैदा कर रहा है।

सरकार की सख़्ती और नई कार्रवाई
मंत्री एंथनी लोके ने साफ कहा कि यह ऑपरेशन किसी को बदनाम करने के लिए नहीं है, बल्कि कानून के प्रति सबको बराबर ज़िम्मेदार बनाने के लिए है। सरकार ने इस अभियान का नाम “ऑप्स लग्ज़री” रखा है, जिसके तहत रोड टैक्स और बीमा के बिना चल रही गाड़ियों को जब्त किया जाएगा।
उन्होंने यह भी बताया कि कुछ लोग जुर्माने को “किफ़ायती” समझते हैं और जानबूझकर टैक्स नहीं भरते। कई मामलों में तीन साल से टैक्स नहीं चुकाया गया है। इतना ही नहीं, एक मशहूर सेलिब्रिटी भी इस कार्रवाई में पकड़े गए, लेकिन उन्होंने बस इतना कहकर बात टाल दी कि वे भूल गए थे।
जनता का गुस्सा और भरोसे का सवाल
यह मामला केवल पैसे की चोरी का नहीं है, बल्कि सड़क सुरक्षा से भी जुड़ा है। बिना रोड टैक्स की गाड़ियां बीमा कवर के बिना चलती हैं। अगर कोई हादसा हो जाए, तो बाकी लोगों को उसका खामियाज़ा भुगतना पड़ सकता है।
जनता का कहना है कि यह मामला सिर्फ कार मालिकों की लापरवाही नहीं, बल्कि कानून के लागू करने वाले विभाग की ढिलाई भी दिखाता है। जब देश में हर साल रोड टैक्स से लगभग 5 बिलियन रिंगिट की कमाई होती है, तो इन खास गाड़ियों पर नजर क्यों नहीं रखी गई?
नतीजा
यह घटना सिर्फ मलेशिया की नहीं, बल्कि पूरे एशिया की उस समस्या की झलक है जहां आम जनता पर सख्ती की जाती है, लेकिन ताक़तवर और अमीर लोगों को नियम तोड़ने की खुली छूट मिलती है। अब सवाल यह है कि क्या यह कार्रवाई सच में सबको बराबर कानून के दायरे में लाएगी, या फिर यह भी केवल एक दिखावा बनकर रह जाएगी।
डिस्क्लेमर: इस लेख में दी गई जानकारी समाचार रिपोर्टों और सरकारी बयानों पर आधारित है। घटनाओं की स्थिति और आधिकारिक फैसले समय-समय पर बदल सकते हैं। पाठकों से अनुरोध है कि किसी भी अंतिम निष्कर्ष से पहले आधिकारिक स्रोतों की जानकारी पर भरोसा करें।