
ब्लैक फोन 2: फिन्नी और ग्वेन की डरावनी कहानी का नया अध्याय
जब कोई डरावनी फिल्म दर्शकों के दिलों में अपनी छाप छोड़ जाती है, तो उसका सीक्वल देखने की उत्सुकता खुद-ब-खुद बढ़ जाती है। ब्लैक फोन 2 (Black Phone 2) ऐसी ही एक फिल्म है, जो फिर से हमें हॉरर और रहस्य की गहराई में ले जाती है। निर्देशक स्कॉट डेरीकसन की यह नई कहानी फिन्नी और उसकी बहन ग्वेन के जीवन में दोबारा आतंक और अलौकिक शक्तियों की वापसी दिखाती है। यह फिल्म 17 अक्टूबर 2025 को सिनेमाघरों में रिलीज होने जा रही है और इसके ट्रेलर ने पहले ही दर्शकों में रोमांच भर दिया है।
ब्लैक फोन 2 की कहानी: मौत के पार से लौट आया ग्रैबर
पहली फिल्म द ब्लैक फोन में फिन्नी ने मास्क पहने खतरनाक किडनैपर “द ग्रैबर” को हराया था। लेकिन ब्लैक फोन 2 में कहानी उस डरावनी जीत के बाद शुरू होती है। अब फिन्नी किशोर हो चुका है, लेकिन उसके भीतर उस भयावह अनुभव की छाया अभी भी बाकी है। उसकी बहन ग्वेन, जो पहले भी अपने सपनों में भविष्य देखती थी, अब फिर से अजीब सपनों से परेशान है। इस बार, उसके सपनों में न सिर्फ द ग्रैबर के पुराने शिकार दिखाई देते हैं, बल्कि उसकी दिवंगत मां भी उसे किसी नई मुसीबत के बारे में चेतावनी देती नजर आती हैं।
यहां से शुरू होता है रहस्यों का सिलसिला, जो भाई-बहन को एक सर्दियों के कैंप अल्पाइन लेक तक ले जाता है। वहीं उन्हें फिर से द ग्रैबर की आत्मा का सामना करना पड़ता है — जो अब जिंदा नहीं, लेकिन और भी ज्यादा खतरनाक बन चुकी है।

ब्लैक फोन 2: डर के साथ भावनाओं की गहराई
निर्देशक स्कॉट डेरीकसन और लेखक सी. रॉबर्ट कारगिल ने इस बार कहानी को सिर्फ डराने तक सीमित नहीं रखा, बल्कि इसे भावनात्मक और मनोवैज्ञानिक स्तर पर भी गहराई दी है। फिल्म दिखाती है कि कैसे किसी भयानक अनुभव की यादें जीवनभर पीछा नहीं छोड़तीं। फिन्नी का डर, ग्वेन के सपने, और उनके परिवार के भीतर का दुख — ये सब मिलकर एक ऐसा वातावरण बनाते हैं जो दर्शकों को भीतर तक झकझोर देता है।
फिल्म का 1980 के दशक का माहौल, पुरानी चीजों से सजी लोकेशन, धुंधली रोशनी, और दिल दहला देने वाला बैकग्राउंड म्यूजिक — सब कुछ इस कहानी को और जीवंत बनाते हैं। डेरीकसन ने डर को सिर्फ अचानक आने वाले झटकों से नहीं, बल्कि धीरे-धीरे बढ़ते तनाव से दिखाया है, जिससे फिल्म का हर सीन आपके रोंगटे खड़े कर देता है।
किरदारों की वापसी और नई ऊर्जा
ब्लैक फोन 2 में मेसन थेम्स (फिन्नी) और मेडेलिन मैकग्रा (ग्वेन) ने अपने किरदारों को और भी मजबूती के साथ निभाया है। वहीं, ईथन हॉक एक बार फिर द ग्रैबर के रूप में लौटे हैं — लेकिन इस बार उनका किरदार और भी रहस्यमय और भयावह बन गया है। उनके साथ जेरेमी डेविस और डेमियन बिचिर जैसे कलाकार कहानी में नई गहराई जोड़ते हैं।
फिल्म का सबसे डरावना पहलू यह है कि अब डर किसी इंसान से नहीं, बल्कि उसकी आत्मा से है। ग्रैबर अब भले ही मर चुका हो, लेकिन उसकी मौजूदगी हर सीन में महसूस होती है।
ब्लैक फोन 2 क्यों है खास
ब्लैक फोन 2 सिर्फ एक हॉरर फिल्म नहीं है, बल्कि यह एक ऐसी कहानी है जो दर्द, डर और उम्मीद — तीनों को जोड़ती है। यह दिखाती है कि कभी-कभी सबसे बड़ा डर किसी राक्षस से नहीं, बल्कि अपने ही अतीत से होता है। फिल्म अपने गहरे संवादों और सशक्त किरदारों के जरिए दर्शकों को सोचने पर मजबूर करती है कि क्या मौत के बाद भी बुराई खत्म होती है, या वह किसी न किसी रूप में लौट आती है।
17 अक्टूबर को जब ब्लैक फोन 2 सिनेमाघरों में दस्तक देगी, तो दर्शक एक बार फिर स्कॉट डेरीकसन की उस दुनिया में लौटेंगे, जहां हर फोन कॉल के पीछे एक कहानी छिपी होती है — और हर कॉल डर की नई शुरुआत होती है।
निष्कर्ष
ब्लैक फोन 2 अपने बेहतरीन निर्देशन, मजबूत अभिनय, और भावनात्मक हॉरर के अनोखे मिश्रण के साथ दर्शकों को एक गहराई से झकझोरने वाला अनुभव देने वाली है। यह फिल्म न सिर्फ डराएगी बल्कि सोचने पर भी मजबूर करेगी।
अस्वीकरण (Disclaimer):
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