
खेल केवल जीत या हार का नाम नहीं, बल्कि यहनागालैंड यूनाइटेड स्पोर्ट्स क्लब समर्पण, अनुशासन और एकता की भावना का प्रतीक है। नागालैंड की धरती ने 18 अक्टूबर 2025 को एक ऐसा ऐतिहासिक क्षण देखा जब नागालैंड यूनाइटेड स्पोर्ट्स क्लब (NUSC) ने अपने शानदार प्रदर्शन से चेडेमा विलेज यूथ ऑर्गेनाइजेशन (CVYO) को 3–1 से हराकर 25वां NSF शहीद स्मारक ट्रॉफी 2025 अपने नाम किया। कोहिमा के इंदिरा गांधी स्टेडियम में हुए इस भव्य मुकाबले ने खेल प्रेमियों के दिलों में नई ऊर्जा भर दी।
जोश और जज्बे से भरा मुकाबला, नागालैंड यूनाइटेड की शानदार जीत
फाइनल मुकाबले की शुरुआत से ही नागालैंड यूनाइटेड ने अपने बेहतरीन तालमेल और रणनीति का परिचय दिया। खेल के सिर्फ नौवें मिनट में आराप कोन्याक ने गोल कर टीम को बढ़त दिलाई। इसके बाद 28वें मिनट में जोएल हाओकिप ने दूसरा गोल दागा और टीम को मजबूत स्थिति में पहुंचा दिया।
दूसरे हाफ की शुरुआत में मैन्टन कोन्याक ने तीसरा गोल कर विपक्षी टीम को बैकफुट पर धकेल दिया। हालांकि 79वें मिनट में NUSC के खिलाड़ी जिदान सिंह के आत्मघाती गोल से CVYO ने एक अंक वापस हासिल किया, लेकिन नागालैंड यूनाइटेड की मजबूत डिफेंस ने उन्हें वापसी का कोई मौका नहीं दिया। मैच के अंत तक स्कोर 3–1 रहा और NUSC ने इस प्रतिष्ठित खिताब को जीत लिया।
पुरस्कारों की बरसात और खिलाड़ियों का सम्मान
विजेता टीम NUSC को ₹5 लाख नकद पुरस्कार और ट्रॉफी प्रदान की गई, जबकि उपविजेता टीम CVYO को ₹3 लाख और प्रमाणपत्र दिए गए। व्यक्तिगत श्रेणी में भी नागालैंड यूनाइटेड का दबदबा देखने को मिला।
सनाथोई मेटेई (NUSC) को “प्लेयर ऑफ द टूर्नामेंट” घोषित किया गया और उन्हें एक टू-व्हीलर तथा प्रमाणपत्र से सम्मानित किया गया।
सनाटन सिंह (NUSC) को “गोल्डन ग्लव”, और हेम्पिंग (NUSC) को “बेस्ट डिफेंडर” का खिताब मिला।
मांगलिएनबोई नेहसियल (CVYO) को “बेस्ट मिडफील्डर” और थोकचोम एडिसन सिंह (Mez & Co) को “गोल्डन बूट” से नवाजा गया।
“फेयर प्ले अवार्ड” तांगखुल कटम्नाओ सकलोंग को दिया गया, जबकि “बेस्ट कोच” का सम्मान खोगेन सिंह (NUSC) को मिला।

खेलों के माध्यम से एकता और शांति का संदेश
इस यादगार फाइनल के मुख्य अतिथि नागालैंड के उपमुख्यमंत्री टी.आर. ज़ेलियांग थे। उन्होंने अपने प्रेरणादायक संबोधन में कहा कि खेल समाज में एकता, शांति और सौहार्द का सबसे बड़ा माध्यम हैं। उन्होंने कहा कि यह टूर्नामेंट सिर्फ फुटबॉल का आयोजन नहीं, बल्कि उन शहीद छात्रों को श्रद्धांजलि है जिन्होंने सच्चाई और न्याय के लिए अपने प्राण न्योछावर किए।
ज़ेलियांग ने कहा, “हर साल जब यह ट्रॉफी खेली जाती है, तब यह केवल जीत का नहीं बल्कि बलिदान, एकता और शांति की भावना का उत्सव होती है।” उन्होंने युवाओं से कहा कि सफलता का रास्ता समर्पण, अनुशासन और टीम भावना से होकर गुजरता है।
उन्होंने आयोजक नागा स्टूडेंट्स फेडरेशन (NSF) और अंगामी स्टूडेंट्स यूनियन (ASU) की प्रशंसा करते हुए कहा कि उनकी मेहनत और समर्पण से यह टूर्नामेंट 25 वर्षों से अपनी पहचान बनाए हुए है।
“Goal for Peace” — खेल के जरिए शांति का संदेश
इस साल के टूर्नामेंट की थीम “Goal for Peace” थी, जो यह संदेश देती है कि खेल केवल प्रतिस्पर्धा नहीं बल्कि भाईचारे और एकजुटता का प्रतीक हैं। खेल के मैदान में सीखे गए अनुशासन, सम्मान और सहयोग के मूल्य जीवन को भी दिशा देते हैं।
NSF शहीद स्मारक ट्रॉफी केवल एक फुटबॉल प्रतियोगिता नहीं, बल्कि नागालैंड के युवाओं की ऊर्जा, साहस और एकता का उत्सव है। यह टूर्नामेंट हर साल यह साबित करता है कि खेल हमें न केवल जीतना सिखाते हैं बल्कि साथ मिलकर आगे बढ़ने का रास्ता भी दिखाते हैं।
अस्वीकरण:
यह लेख विभिन्न समाचार स्रोतों पर आधारित है। इसका उद्देश्य केवल जानकारी साझा करना और खेल भावना को बढ़ावा देना है। इसमें प्रस्तुत विचार किसी संस्था या व्यक्ति के व्यक्तिगत मत नहीं हैं।




