भारत के ऑटोमोबाइल सेक्टर में सितंबर 2025 ने एक नई उम्मीद की किरण जगाई है। जहाँ यात्री वाहनों की बिक्री में मामूली गिरावट देखने को मिली, वहीं दोपहिया वाहनों ने बाजार में जबरदस्त रफ्तार पकड़ी है। यह वृद्धि न केवल ग्रामीण इलाकों में बढ़ती मांग का संकेत देती है, बल्कि यह भी दिखाती है कि उपभोक्ताओं का भरोसा धीरे-धीरे ऑटो बाजार में लौट रहा है।

दोपहिया वाहनों ने संभाली ऑटो इंडस्ट्री की कमान
दोपहिया वाहनों ने बढ़ाई रफ्तार (SIAM) द्वारा जारी आंकड़ों के अनुसार, सितंबर 2025 में भारत की घरेलू ऑटोमोबाइल बिक्री में 5.6% की वृद्धि दर्ज की गई। कुल थोक बिक्री 25,57,757 यूनिट तक पहुँची, जो पिछले साल सितंबर 2024 के 24,21,368 यूनिट से अधिक है।
इस बढ़त की सबसे बड़ी वजह दोपहिया वाहनों की मजबूत मांग रही। इस सेगमेंट ने 21,60,889 यूनिट्स की बिक्री दर्ज की, जो पिछले साल के 20,25,993 यूनिट्स की तुलना में 6.7% की शानदार बढ़त है। मोटरसाइकिलों की बिक्री 12,98,610 यूनिट्स से बढ़कर 13,73,750 यूनिट्स हुई, जबकि स्कूटर की बिक्री में 9.1% की छलांग लगाकर 7,33,391 यूनिट्स दर्ज की गई।
यह आंकड़े बताते हैं कि न केवल शहरों में बल्कि ग्रामीण इलाकों में भी आर्थिक गतिविधियों में तेजी आई है। हालांकि, मोपेड्स की बिक्री में हल्की गिरावट रही, जो 54,969 यूनिट्स से घटकर 53,748 यूनिट्स पर आ गई।
यात्री वाहनों की रफ्तार पर ब्रेक
जहाँ दोपहिया वाहन बाजार में गति पकड़ रहे हैं, वहीं Passenger Vehicles (PV) की बिक्री ने थोड़ी निराशा दिखाई। सितंबर 2025 में PV सेगमेंट की बिक्री 0.9% घटकर 3,12,791 यूनिट्स रही, जो पिछले वर्ष के 3,15,689 यूनिट्स से कम है।
यूटीवी (Utility Vehicles) जो इस सेगमेंट का अहम हिस्सा हैं, उनकी बिक्री 2,06,217 यूनिट्स से घटकर 2,04,392 यूनिट्स रह गई। वहीं पैसेंजर कार्स की बिक्री लगभग स्थिर रही — 97,564 यूनिट्स से बढ़कर 98,364 यूनिट्स। हालांकि वैन सेगमेंट में सबसे बड़ी गिरावट देखी गई, जहाँ बिक्री 15.7% घटकर 10,035 यूनिट्स रह गई।
ऑटो विशेषज्ञ अरुण मल्होत्रा के अनुसार, “PV इंडस्ट्री में गिरावट का एक बड़ा कारण ग्राहकों का इंतजार करना था, क्योंकि सभी नई GST दरों के लागू होने का इंतजार कर रहे थे। लेकिन त्योहारों के सीजन में बिक्री तेजी से बढ़ेगी और मार्च 2026 तक PV इंडस्ट्री में सालाना 5-6% की वृद्धि देखने को मिल सकती है।”

तीनपहिया वाहनों की स्थिति भी मजबूत
तीनपहिया वाहनों की बिक्री ने भी बाजार में स्थिरता का संकेत दिया है। सितंबर 2025 में इस सेगमेंट में 5.5% की बढ़ोतरी दर्ज की गई। पिछले साल के 79,683 यूनिट्स के मुकाबले इस बार 84,077 यूनिट्स बिके। इनमें पैसेंजर कैरियर्स की बिक्री 65,826 से बढ़कर 71,657 यूनिट्स रही। हालांकि, गुड्स कैरियर्स की बिक्री में मामूली गिरावट आई और इलेक्ट्रिक तीनपहिया वाहनों की मांग में भी कमी देखी गई, जो सरकारी सब्सिडी में बदलाव और फाइनेंसिंग चुनौतियों की वजह से हुई।
त्योहारी सीजन में बढ़ेगी रफ्तार
त्योहारी मौसम शुरू होने के साथ ही ऑटोमेकर्स की उम्मीदें भी बढ़ गई हैं। कंपनियाँ अब ग्राहकों को आकर्षित करने के लिए आक्रामक डिस्काउंट और नए मॉडल पेश करने की तैयारी में हैं। ग्रामीण बाजार में बढ़ती मांग ने दोपहिया सेगमेंट को नया जीवन दिया है, जबकि शहरी उपभोक्ताओं के बीच अभी भी थोड़ी सावधानी देखी जा रही है।
अगले कुछ महीनों में यह देखना दिलचस्प होगा कि क्या यात्री वाहन सेगमेंट दोपहिया की तरह अपनी रफ्तार वापस पा सकेगा। फिलहाल, दोपहिया वाहनों ने भारतीय ऑटो सेक्टर को आगे बढ़ाने में अहम भूमिका निभाई है और यह साफ संकेत है कि देश का ऑटो बाजार फिर से पटरी पर लौट रहा है।
निष्कर्ष
सितंबर 2025 के आँकड़े यह बताते हैं कि भारत का ऑटोमोबाइल सेक्टर धीरे-धीरे पुनर्जीवित हो रहा है। दोपहिया वाहनों ने जहाँ बिक्री के आंकड़ों में जान फूँक दी है, वहीं यात्री वाहनों को अभी थोड़ी रफ्तार पकड़नी बाकी है। अगर त्योहारों में उपभोक्ताओं की खरीदारी बढ़ी, तो आने वाले महीनों में यह उद्योग और मजबूत हो सकता है।
Disclaimer: इस लेख में दी गई जानकारी सोसाइटी ऑफ इंडियन ऑटोमोबाइल मैन्युफैक्चरर्स (SIAM) के आधिकारिक आंकड़ों और उद्योग विशेषज्ञों की टिप्पणियों पर आधारित है। लेख का उद्देश्य केवल जानकारी देना है, निवेश या व्यावसायिक सलाह देना नहीं।




